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प्रणय गीत -प्रविष्टि ( कांटेस्ट)-सुमुखि अब तो प्रणय का वरदान देदो…

drshyam jagaran blog
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सुमुखि !अबतोप्रणयकावरदानदेदो

जलउठेंमनदीप, ऐसी

मदिर, मधुमुसकानदेदो |

अधखुलीपलकेंझुकाकर,

प्रीतिकाअनुमानदेदो |

सुमुखि ! अबतोप्रणयकावरदानदेदो ||

दीपबनकरमैं, तेरे

दरपरजलूँगा |

पथकेकांटेदूर, सब

करताचलूँगा |

मानिनीकुछमुस्कुराकर,

मिलनकासुखसारदेदो|

सिरझुकाकर, कुछहिलाकर,

मानकाप्रतिमानदेदो ||

सजनिअबतोप्रणयकावरदानदेदो ||

तुमकहोतोमैं,

प्रणयकीयाचिकाका |

प्रार्थनास्वरपत्र,

तेरेनामभरदूं |

तुमकोहोस्वीकार, अर्पित

एकनूतनपुष्पकरदूं |

भामिनीकुछगुनगुनाकर ,

गीतकाउनमानदेदो |

सुमुखिअबतोप्रणयकावरदानदेदो ||

पासआओ, मुस्कुराओ

गुनगुनाओ |

कुछकहो, कुछसुनो

कुछपूछोबताओ |

तुमरुकोतो, मैं

मिलनकेस्वरसजाऊँ |

तुमकहोतोमैं

प्रणयगीतासुनाऊँ |

कामिनी ! इसमिलनपलको,

इकसुखदसानामदेदो |


सुमुखि ! अबतोप्रणयकावरदानदेदो ||

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